अध्याय 279 जीवन और मृत्यु का क्षण!

तीसरा दिन, शाम।

पहाड़ों में, शिखर पर।

यहाँ कोई पेड़ नहीं थे, केवल हर जगह पुराने पत्थर थे।

राइडर और बारबरा थके-हारे वहाँ पहुँचे!

"अब और नहीं चल सकती!"

वह एक पत्थर के सहारे बैठ गई, जमीन पर बैठी और चेहरा पीला पड़ गया।

राइडर पास में खड़ा था, अपने माथे का पसीना पोंछते हुए और साँसें भरते हुए।

उसकी ...

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